सुअवसर

कल के लिए आज को न खोना, आज ना ये कल आयेगा !

कल के लिए आज को न खोना, आज ना ये कल आयेगा !

  कभी ना खोना तुम सुअवसर बस थोड़ी सी सुविधा के लिए | इक बार की ख़ुशी में सब सुअवसर लुटा दिया तो क्या जिये || जैसे की ठंडी में ठिठुर रहा ये व्यक्ति सीढ़ी को ही जला गया | जिसको बनना था उसका आधार वो उसी को ही खा गया || जिस कुएं में […]