meeting self

स्वयं से पुनर्मिलन

स्वयं से पुनर्मिलन

जब सारी कायनात निशा की आगोश में खो जाती है तब इस एहसास का इक नया अक्स सामने लाती है ये निस्तभ्ध मौन भी हर किसी को नहीं रास आता कोई विरला ही इसकी अदम्य शक्ति है झेल पाता अपने भीतर के शोर के जब पार उतर जायोगे अपने को ही उस पार भी खड़ा तुम […]