Courage Redefined

Courage Redefined

ये सिसकियाँ हैं क्यों रोती कौन इन्हें चुप कराये

ये वक़्त क्या बदला, सब अपने हो गए पराये

आंसुओं और सिस्किओं का है मेल बहुत पुराना

इन दोनों का तो आपस में अच्छा खासा याराना

दिल टूटे तो क्या हुआ कोई गम खोना मत पहचान

ख्वाबों को कभी टूटने मत दो ये हौसले की उड़ान

बह जाने दो अश्रों को की सैलाब का है ये स्वर

अब न टूटने की फिकर न ही खोने का डर

फिर से बनाओ जीवन लो उठो और भागो

बुलंदी छूनी है तो निद्रा आलस्य को त्यागो

करो करम ऐसे की सब कोई दे जाये दुआ

तुम खुद सोचोगे ये कैसे और कब हुआ

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